वैवाहिक जीवन पर कालसर्प दोष के प्रभाव

कालसर्प दोष का वैवाहिक जीवन पर प्रभाव व उपाय

कालसर्प दोष के परिणाम बहुत ही खतरनाक होता है, जैसे कमजोर आर्थिक स्थिति, स्वास्थ मे गड़बड़ी से लेकर विवाह संबंधित बाधाए इसके मुख्य लक्षण है। इस लेख के माध्यम से हम यह जानेंगे की कालसर्प दोष का वैवाहिक जीवन पर क्या प्रभाव होता है, तथा इसके लक्षण क्या – क्या है, और कालसर्प दोष के दुष्प्रभावो को किस प्रकार कम किया जा सकता है?

कालसर्प दोष क्या होता है?

कालसर्प दोष के वैवाहिक जीवन पर प्रभाव जानने से पहले आपको यह जनना होगा की कालसर्प दोष क्या होता है, किसी जातक की कुंडली मे कालसर्प दोष का बनना पूर्णत: राहु और केतु की स्थिति पर निर्भर करता है, जब किसी जातक की कुंडली मे राहु और केतु आमने – सामने विराजमान हो और बचे हुए सारे ग्रह राहु और केतु के बीच मे स्थित हो, ऐसी अवस्था मे जातक की कुंडली मे कालसर्प दोष योग बनता है।

वैवाहिक जीवन मे कालसर्प दोष-

वैवाहिक जीवन मै कालसर्प दोष तब उत्पन्न होता है, जब कुंडली मे राहु प्रथम घर मे हो और केतु सप्तम घर मे स्थित हो, तथा शेष ग्रह राहु और केतु के बीच मे स्थित हो या अक्ष के बाई और स्थित हो, इस दोष को अनंत कालसर्प दोष कहते है, इसे विपरीत कालसर्प दोष के नाम से भी जाना जाता है।

इस दोष मे विवाहित दम्पति का पूर्ण जीवन असंतुलित हो जाता है, दोनों के जीवन मे तनाव बढ़ जाता है। छोटी छोटी बातो पर आपस मे झगड़े होने लगते है, दम्पतियो का आपस मे बोलचाल बंद हो जाता है, और इन सब परेशानियों के चलते हुए दोनों दंपतियों के बीच तलाक होने तक की स्थिति पैदा हो जाती है।

कालसर्प दोष का विवाह पर प्रभाव-

कालसर्प दोष का किसी भी जातक के विवाह पर बहुत ही गहरा असर होता है, जिनमे से कुछ निम्न है-

  • जातक के विवाह के लिए उसकी कुंडली मिलान मे बाधा उत्पन्न होती है।
  • विवाह होने के बाद शिशु के जन्म से संबन्धित बाधाए सामने आती है।
  • कड़ी मेहनत और समर्पण के बाद भी जीवन मे खुशी नहीं मिलती।
  • दम्पतियो की आर्थिक स्थिति मे कई उतार-चढ़ाव आते है।
  • जातक के परिवार मे लंबे समय तक बीमारी या अप्रत्याशित दुर्घटनाए होती रहती है।
  • दम्पतियो के बीच छोटी-छोटी बात पर बहस होती रहती है।
  • जातक असफल दांपत्य जीवन और कुछ आर्थिक हानि को जन्म दे सकता है।
  • इस दोष का विवाहित जोड़ो के जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव होता है।
  • यह काल सर्प दोष दम्पतियो के जीवन को पूर्ण रूप से नष्ट कर देता है।
  • दम्पतियो के व्यापार मे भी हानि होती है।
  • दम्पति एक दूसरे को संदेह की निगाह से देखने लगते है।
  • दम्पतियो के बीच प्यार मे लगातार गिरावट होती रहती है।
  • दम्पति आपस मे शारीरिक संबंध नही बना पाते है।
  • संतान सुख से वंचित रहते है।

कालसर्प दोष और वैवाहिक जीवन-

कालसर्प दोष के दुष्परिणामो के कारण जातक का साधारण और दाम्पत्य जीवन दोनों ही अस्त-व्यस्त हो जाता है, जातक के प्रेम विवाह मे भी बहुत सी समस्याये आती है, दोनों के बीच अविश्वास की स्थिति बढ़ जाती है।

इसी दोष को विपरीत कालसर्प दोष भी कहते है, किसी भी जातक की कुंडली मे ग्रहो की ऐसी स्थिति होने के परिणाम स्वरूप उसका वैवाहिक जीवन असफल हो जाता है, साथ ही यह दोष विवाहित जोड़ो के बीच तनाव के हालात पैदा करता है।

वैवाहिक जीवन पर कालसर्प से मुक्ति पाने के उपाय-

जिस किसी जातक के वैवाहिक जीवन पर कालसर्प दोष का असर हो, तो उसे नीचे दिये गए उपायो का अनुसरण करना चाहिए-

  • जातक को नियमित रूप से गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए।
  • जातक को महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए।
  • दोनों दंपतियों को विशेष दिनो मे व्रत करना चाहिए।
  • जातक को पीपल के पेड़ तथा नाग देवता की पूजा करनी चाहिए।
  • जातक को पंचाक्षरी मंत्र जैसे मंत्रों का पाठ करना चाहिए।
  • दंपतियों को शिव जी की नियमित रूप से पूजा अर्चना करनी चाहिए।

विपरीत कालसर्प दोष के जातक इन चीजों से सावधानिया बरते

जिन जातको के वैवाहिक जीवन पर विपरीत कालसर्प दोष का असर होता है, उन्हे निम्न सावधानिया रखनी चाहिए-

  • जातक को उजले रंग के ही कपड़े पहनना चाहिए।
  • जातक को किसी भी प्रकार के नशे जैसे बीड़ी, सिगरेट, मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • जातक को किसी भी प्रकार से अपने साथी को नाराज नहीं करना चाहिए।
  • व्यापार से जुड़े काम को करते समय हमेशा सावधानी बरतनी चाहिए।

वैवाहिक जीवन मे कालसर्प दोष का निवारण –

जातक को उसके वैवाहिक जीवन मे कालसर्प दोष के होने का पता चलने के तुरंत बाद ही कालसर्प दोष के समाधान के लिए किसी प्रसिद्ध शिव मंदिर मे जाकर कालसर्प दोष निवारण पूजा करानी चाहिए, जिससे की विपरीत कालसर्प दोष के दुष्प्रभाव को समाप्त किया जा सकता है, और जातक अपने वैवाहिक जीवन को दोबारा सुखपूर्ण बना सकता है।

कालसर्प दोष का निवारण कहाँ होता है?

ज्योतिषी के अनुसार मध्य प्रदेश मे स्थित उज्जैन एवं महाराष्ट्र मे स्थित नासिक मे कालसर्प दोष निवारण की पूजा की जाती है। यह पर पूजा कराने से जातक को कालसर्प दोष के कारण वैवाहिक जीवन आ रही सभी समस्याए समाप्त हो जाती है।

कालसर्प दोष निवारण पूजा कैसे कराये?

अगर आप कालसर्प दोष पूजा उज्जैन मे करवाना चाहते है, तो कालसर्प दोष पूजा के विशेषज्ञ पंडित श्री कांता गुरु जी से संपर्क कर सकते है, और कालसर्प दोष और इसके निवारण के बारे मे काफी अच्छे तरीके से जान सकते है।

पंडित जी वैदिक अनुष्ठानों में आचार्य की उपाधि से विभूषित है एवं सभी प्रकार के दोष एवं बाधाओ के निवारण के कार्यो को करते हुए १५ वर्षो से भी ज्यादा समय हो गया है।

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