कालसर्प दोष के फायदे जाने कब कैसे शुभ होता है कालसर्प दोष

कालसर्प दोष योग मे जातक को कई प्रकार की हानियाँ होती है, लेकिन कालसर्प दोष के कुछ फायदे भी होते है, इस लेख के माध्यम से हम कालसर्प दोष के फायदे जानेंगे और साथ ही साथ हम यह भी जानेंगे की कालसर्प दोष क्या होता है, इसके लक्षण क्या होते है, इसके निवारण के लिए क्या-क्या उपाय किए जा सकते है?

कालसर्प दोष क्या है?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जातक की कुंडली मे कालसर्प दोष योग तब बनता है जब किसी जातक की कुंडली मे सारे ग्रह राहू और केतू के बीच मे होते है। कालसर्प दोष एक ऐसा योग है,जो की किसी मनुष्य के द्वारा पूर्वजन्म मे किए गए किसी जघन्य अपराध या श्राप के फलस्वरूप जातक की कुंडली मे परिलक्षित होता है।

कालसर्प दोष योग के चलते हुए जातक को कई प्रकार की बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है, जैसे की वैवाहिक जीवन मे समस्या का सामना करना, व्यापार मे हानि होना, शिक्षा के क्षेत्र मे प्रगति न होना, कठिन परिश्रम करने के बाद भी सफलता प्राप्त न होना यह सब कालसर्प के अंतर्गत आते है।

कालसर्प दोष के फायदे

वैसे तो कालसर्प दोष को बहुत ही खतरनाक योग है, हमेशा इसको नुकसानदायक ही माना जाता है, किन्तु ऐसा नहीं होता है, कालसर्प दोष सदैव ही हानिकारक नहीं होता है। यदि जन्म कुंडली मे ग्रहो की स्थिति सही हो तो कालसर्प दोष के कुछ फायदे भी होते है। यदि कालसर्प दोष किसी विशेष परिस्थिति मे बनता है, तो इसके कई फायदे भी होते है।

कालसर्प दोष के फायदे निम्न प्रकार है-

  • यदि कुंडली में कालसर्प दोष के मुख में शुक्र ग्रह शुभ स्थिति में हो, तो व्यक्ति का जीवन सुखमय बनाता है। ऐंसे पुरुष अथवा स्त्री को वैवाहिक जीवन का परम आनंद मिलता है।
  • राहु यदि अच्छी स्थिति में हो तो ऐसा कालसर्प दोष व्यक्ति को जीवन में सफल बना देता है।
  • यदि काल सर्प योग के मुख में शनि ग्रह शुभ स्थिति में बैठा हो, तो ऐसा व्यक्ति दिमाग से बहुत तेज होता है।
  • जिस जातक की कालसर्प दोष युक्त कुंडली में राहू एवं चंद्रमा की स्थिति शुभ हो, तो ऐसे व्यक्ति के लिए यह कालसर्प योग शुभ बन जाता है। इस प्रकार के जातक जीवन में बहुत बड़े पद (प्रोफेसर, वैज्ञानिक, शिक्षक, प्रशासनिक अधिकारी) अपने जीवन मे प्राप्त करते है।
  • जीवन में किसी भी खतरे को उठाने के लिए तैयार रहता है।
  • जातक अपने जीवन में आई कठिनाईयो को पार करने के लिए प्रयास करता है।
  • जातक को किसी भी कार्य के प्रति बहुत वफादार बनाता है।

कालसर्प दोष के लक्षण

कालसर्प दोष के मुख्य लक्षण कुछ इस प्रकार है-

  • शिक्षा मे बाधायें आना।
  • मन मे सदैव नकारात्मक विचार आना।
  • आत्महत्या करने का विचार आना।
  • दांपत्य जीवन में कलह और तनाव का रहना।
  • संतान नहीं होती है।
  • व्यापार मे सदैव हानि का सामना करना पड़ता है।
  • जीवन के किसी भी क्षेत्र मे सफलता प्राप्त नहीं होती है।
  • घर मे तनाव की स्थिति बनी रहती है।

कालसर्प दोष के उपाय

कालसर्प दोष का असर कम करने के लिए आप निम्न उपायो का इस्तेमाल कर सकते है-

  • सोमवार के दिन भगवान शिव को नाग नागिन का जोड़ा अर्पित करे।
  • जातक को महामृत्युंजय मंत्र जाप के साथ हवन भी करवाना चाहिए।
  • पूरे सावन राहु और केतु के मंत्र का नियमित जप करना भी फायदेमंद रहेगा।
  • सोमवार के दिन रुद्राभिषेक कराएं।
  • जातक को प्रति शनिवार पीपल के पेड़ को पानी चढ़ाना चाहिए।
  • नागपंचमी के दिन व्रत रखना चाहिए।

कालसर्प दोष निवारण पूजा-

ऊपर दिये गए उपायो द्वारा कालसर्प दोष के दुष्प्रभाव को कम तो किया जा सकता है, किन्तु पूर्ण रूप से समाप्त करने के लिए कालसर्प दोष निवारण पूजा करवाना ही उचित है।

मध्यप्रदेश मे मुख्य रूप से कालसर्प दोष निवारण पूजा उज्जैन मे की जाती है।

कालसर्प दोष निवारण पूजा कैसे कराये?

अगर आप उज्जैन मे कालसर्प दोष निवारण पूजा करवाना चाहते है, तो कांता गुरु जी से संपर्क कर सकते है, और कालसर्प दोष और इसके निवारण के बारे मे काफी अच्छे तरीके से जान सकते है।

पंडित जी वैदिक अनुष्ठानों में आचार्य की उपाधि से विभूषित है एवं सभी प्रकार के दोष एवं बाधाओ के निवारण के कार्यो को करते हुए १५ वर्षो से भी ज्यादा समय हो गया है।

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