कालसर्प दोष क्या होता है?
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार कालसर्प दोष को अशुभ एवं बहुत ज्यादा हानिकारक माना गया है। कहा जाता है की जिस व्यक्ति की कुंडली मे कालसर्प दोष होता है, उसे अपने जीवन मे अनेक समस्याओ का सामना करना पड़ता है। कुंडली मे कालसर्प दोष हो और उसका निवारण समय पर न किया जाए तो इस दोष का प्रभाव लंबे समय तक रहता है। तो आइये जानते है कालसर्प दोष के लक्षण और इसके उपाय के बारे मे जिनसे कालसर्प दोष के दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है?
कालसर्प दोष कैसे बनता है?
कालसर्प दोष एक ऐसी स्थिति है जो जातक के जीवन मे दुर्भाग्य लाती है। कुंडली मे इस दोष के रहने से जीवन कठिनाईयों से भरा रहता है। जब किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली मे सभी ग्रह राहू एवं केतू के बीच मे आ जाते है, तब कालसर्प दोष बनता है। व्यक्ति द्वारा पूर्वजन्म मे किए गए किसी जघन्य अपराध के दंडस्वरूप कुंडली मे कालसर्प दोष परिलक्षित होता है।
कालसर्प दोष पूजा उज्जैन मे क्यों कराए?
कालसर्प दोष पूजा उज्जैन मे ही क्यो ? भारतीय पौराणिक कथाओ के अनुसार तीर्थ नगरी उज्जैन को ना-गो का पवित्र स्थल माना जाता, यहा पर पूजा ग्रहो के नाग संबंधित है। इसीलिए कालसर्प दोष को रोकने के लिए उज्जैन को सबसे सर्वश्रेष्ठ माना गया है, उज्जैन मे कालसर्प दोष पूजा करवाकर आप सबसे अच्छा परिणाम प्राप्त कर सकते है, और कालसर्प दोष से सदैव के लिए छुटकारा पा सकते है।
कालसर्प दोष के लक्षण-
नीचे दिये गए लक्षणो के अनुसार आप पता लगा सकते है की कोई व्यक्ति कालसर्प दोष से पीड़ित है या नहीं। कालसर्प दोष के लक्षण निम्नलिखित है-
- सपने मे मृत व्यक्ति आपसे कुछ मांगता हो।
- सपने मे किसी अंगविहीन व्यक्ति को देखना।
- घर मे तनाव की स्थिति बनी रहती है।
- आर्थिक समस्याओ का सामना करना पड़ता है।
- संतान सुख नहीं मिल पाता है अगर संतान होती है, तो वह किसी न किसी प्रकार की बीमारी से घिरी रहती है।
- घर मे किसी प्रकार के शुभ एवं मांगलिक कार्य नहीं हो पाते है।
- सगे सम्बन्धियो द्वारा ही धोखा मिलता है ।
- व्यापार मे सदैव हानि का सामना करना पड़ता है।
- जीवन के किसी भी क्षेत्र मे सफलता प्राप्त नहीं होती है।
कालसर्प दोष पूजा के फायदे-
- सामजिक छवि में सुधार होना।
- व्यापार में लाभ होना।
- पति पत्नी में मतभेद मिट जाना।
- मित्रों से लाभ होना।
- आरोग्य में लाभ होना।
- परिवार में शान्ति आना।
- उत्तम संतान की प्राप्ति होना।
कालसर्प दोष के उपाय
कालसर्प दोष के दुष्प्रभाव कम करने के लिए कुछ मुख्य उपाय है जिनका आप इस्तेमाल कर सकते है
- नागपंचमी के दिन व्रत रखना चाहिए।
- जातक को प्रति शनिवार पीपल के पेड़ को पानी चढ़ना चाहिए।
- सोमवार के दिन रुद्राभिषेक कराएं।
- जातक को महामृत्युंजय मंत्र जाप के साथ हवन भी करवाना चाहिए।
कालसर्प दोष निवारण पूजा –
ऊपर दिये गए उपायो द्वारा कालसर्प दोष के दुष्प्रभाव को कम तो किया जा सकता है, किन्तु पूर्ण रूप से समाप्त करने के लिए कालसर्प दोष निवारण पूजा करवाना ही उचित है।
मध्यप्रदेश मे मुख्य रूप से कालसर्प दोष पूजा उज्जैन मे की जाती है।
कालसर्प दोष निवारण पूजा कैसे कराये?
अगर आप उज्जैन मे कालसर्प दोष निवारण पूजा करवाना चाहते है, तो कांता गुरु जी से संपर्क कर सकते है, और कालसर्प दोष और इसके निवारण के बारे मे काफी अच्छे तरीके से जान सकते है।
पंडित जी वैदिक अनुष्ठानों में आचार्य की उपाधि से विभूषित है एवं सभी प्रकार के दोष एवं बाधाओ के निवारण के कार्यो को करते हुए १५ वर्षो से भी ज्यादा समय हो गया है।
कालसर्प दोष पूजा करवाने के लिए नीचे दी गयी बटन पर क्लिक करके अभी पंडित जी से बात करे।