Kulik kaal Sarp Dosh Puja Ujjain

कुलीक कालसर्प दोष – असर, उपाय और निवारण

कुलीक कालसर्प दोष, काल सर्प दोष का दूसरा प्रकार है, इस दोष के बारे मे विस्तृत जानकारी देने वाले है, जैसे कि कुलीक कालसर्प दोष क्या होता है? इसके दुष्प्रभाव क्या होते है? इसके निवारण के लिए क्या किया जाना चाहिए? एवं इसके उपाय क्या है?

कालसर्प दोष क्या होता है?

कुलीक कालसर्प दोष को जानने से पहले हम यह जान लेते है, कि कालसर्प दोष क्या है। कालसर्प दोष किसी जातक की कुंडली मे तब होता है, जब सारे ग्रह राहु ओर केतु के बीच मे होते है, और दूसरी तरफ कोई ग्रह न रहे तब कुंडली मे कालसर्प दोष परिलक्षित होता है।

कुलीक कालसर्प दोष क्या है?

सर्वप्रथम हम यह जानते है कि आखिर कुंडली मे ग्रहो कि स्थिति क्या होती है, जिससे कुंडली मे कुलीक कालसर्प दोष परिलक्षित होता है।

जब व्यक्ति कि जन्मकुंडली मे राहू दूसरे घर तथा केतू अष्टम स्थान मे स्थित हो एवं बाकी सारे ग्रह राहू एवं केतू के बीच मे ही रहे तब कुलीक कालसर्प दोष योग बनता है।

कुलीक काल सर्प दोष
कुलीक कालसर्प दोष कुंडली

कुलीक कालसर्प दोष के क्या लक्षण है?

जब किसी जातक कि कुंडली मे कुलीक कालसर्प दोष योग बनता है, तो उसे मुख्य रूप से निम्न कष्टो का सामना करना पड़ता है-

  • जातक सदैव शारीरिक एवं मानसिक रूप से परेशान रहता है।
  • इस दोष के चलते हुए जातक काफी परिश्रम तो करता है, पर उसे सफलता प्राप्त नहीं होती है।
  • आर्थिक नुकसान होने की संभावना बनी रहती है, आर्थिक तंगी भी चलती रहती है,
  • अपने ही रिश्तेदारों से धोखे मिलने का भय रहता है।
  • विवाह मे कई प्रकार कि समस्या एवं बाधाए आती है।
  • समाज एवं अन्य स्थानो पर निंदा एवं अपमान का सामना करना पड़ता है।

कुलीक कालसर्प दोष के उपाय

कुलीक कालसर्प दोष को दूर करने के लिए निम्न उपायो को अपनाया जाना चाहिए-

  • शनिवार को राहू यंत्र धारण करना चाहिए।
  • शनिवार को हनुमान जी की प्रतिमा के सामने दिया बाती करना चाहिए।
  • मंगलवार को सवा रति का प्राण प्रतिष्ठित त्रिकोणीय मूंगा यंत्र तांबे के साथ दाहिने हाथ की मध्यमा उंगली मे धारण करने कुलीक कालसर्प दोष के दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है।
  • मंगलवार को एक तांबे का खुला ब्रेस्लेट दाहिने हाथ पर पहनना चाहिये।

कुलीक कालसर्प दोष के जातक को क्या नहीं करना चाहिए-

कुलीक कालसर्प दोष से पीड़ित जातक को कुछ सावधानिया बरतनी चाहिए अन्यथा इस दोष का दुष्प्रभाव बढ जाता है जैसे-

  • बीड़ी ,सिगरेट, और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • पड़ोसियो व मित्रो से सावधानी बरतनी चाहिए एवं उन्हे किसी प्रकार की व्यवसाय एवं निवेश से संबन्धित जानकारी नहीं देनी चाहिए।
  • दिन मे नही सोना चाहिए।
  • किसी भी प्रकार के कार्य को करने मे आलस नहीं करना चाहिए। जितना हो सके आलस से दूर रहना चाहिए।

कुलीक काल सर्प दोष का निवारण

अगर जातक को यह ज्ञात हो चुका हो की उसकी कुंडली मे कुलीक कालसर्प दोष है, तो जातक को जगह-जगह भटकना नहीं चाहिए और शास्त्रो द्वारा बताए गए निवारण का सहारा लेकर कुलीक कालसर्प दोष को दूर करना चाहिए। शास्त्रो के अनुसार इसके निवारण के लिए शिव मंदिर मे जाकर कुलीक कालसर्प दोष निवारण पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से ही कुलीक काल सर्प दोष के दुष्प्रभाव को पूर्णता समाप्त किया जा सकता है।

कुलीक काल सर्प दोष निवारण पूजा कहाँ होती है?

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार मध्य प्रदेश मे स्थित उज्जैन एवं महाराष्ट्र मे स्थित नासिक मे कुलीक कालसर्प दोष निवारण की पुजा की जाती है, क्यूकि यहाँ पूजा करने से कुलीक कालसर्प दोष से जल्द ही मुक्ति मिल जाती है, जिसके कारण व्यक्ति को और अधिक समस्याओ का सामना नहीं करना पड़ता है।

कुलीक कालसर्प दोष पूजा कैसे कराये?

अगर आप उज्जैन मे कुलीक कालसर्प दोष पूजा करवाना चाहते है, तो कांता गुरु जी से संपर्क कर सकते है, और कुलीक कालसर्प दोष और इसके निवारण के बारे मे काफी अच्छे तरीके से जान सकते है।

पंडित जी वैदिक अनुष्ठानों में आचार्य की उपाधि से विभूषित है एवं सभी प्रकार के दोष एवं बाधाओ के निवारण के कार्यो को करते हुए १५ वर्षो से भी ज्यादा समय हो गया है।

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