कालसर्प दोष के बारह प्रकारो मे से एक घातक कालसर्प दोष भी है। इस लेख के माध्यम यह जानेंगे की घातक कालसर्प दोष क्या होता है? इसके लक्षण क्या होते है? इसके उपाय कौन-कौन से है? तथा इसके निवारण के लिए क्या-क्या किया जा सकता है।
कालसर्प दोष क्या होता है?
जब भी किसी जातक की कुंडली मे राहु और केतु के मध्य मे सारे ग्रह आ जाते है, तब जातक की कुंडली मे कालसर्प दोष बनता है, हिन्दू मान्यताओ के अनुसार माने तो किसी व्यक्ति के द्वारा पिछले जन्मों में किये दुष्कर्मो या किसी जघन्य अपराध के दंडस्वरूप कालसर्प दोष योग व्यक्ति की कुंडली मे बनता है।
घातक कालसर्प दोष क्या होता है?
घातक काल सर्प दोष, कालसर्प दोष का एक खतरनाक प्रकार होता है, जब जातक की कुंडली मे राहु दशम घर मे हो, और केतु चौथे स्थान मे स्थित हो, तथा बचे हुए सारे ग्रह राहु और केतु के बीच मे फंसे हुए हो, तो जातक की कुंडली मे घातक कालसर्प दोष होने का योग बनता है।
घातक कालसर्प दोष के लक्षण
घातक कालसर्प दोष के लक्षण बहुत सारे होते है, जिनमे से मुख्य लक्षण नीचे दिये गए है-
- यह दोष जातक को उसके बचपन में परेशान कर सकता है।
- जातक का उसकी माँ से टकराव बना रहता है।
- जातक को माँ का प्यार और देखभाल नहीं मिल पाती और उनका संबंध भी सघन नहीं होता है।
- जातक अनिद्रा से पीड़ित रहता है, जिसके कारण से उसके दैनिक जीवन मे चिड़चिड़ापन आ जाता है।
- जातक के व्यवसाय मे मजबूती एवं स्थिरता की कमी रहती है।
- जातक को अपनी रोजी – रोटी जुटाने के लिए भी काफी मुश्किलो का सामना करना पड़ता है।
- जातक के किसी भी विचार मे निरंतरता नही रहती है।
- यदि राहु खुशियों के घर में हो तो जातक जीवन भर खुश नहीं रह सकता है।
घातक कालसर्प दोष के उपाय-
घातक कालसर्प दोष के दुष्प्रभावों को कम करने या उनसे बचने के लिए जातक निम्न उपाय कर सकते है।
- जातक के सामने कैसे भी परिस्थिति आ जाए, उसे कभी हार नहीं मानना चाहिए।
- जातक को एक लाख पैंतीस हज़ार बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए।
- जातक को शिव मंदिर मे जाकर कालसर्प दोष पूजा करानी चाहिए।
- जातक को सोमवार का उपवास रखना चाहिए, तथा प्रत्येक सोमवार को शिव जी की पूजा करनी चाहिए।
- कुंडली में राहु के प्रभाव को कम करने के लिए ‘ओम रां राहवे नम:’ मंत्र का जाप दैनिक रूप से करना चाहिए।
- घातक कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए जातक को पीतल के बर्तन में गंगाजल भरकर अपने घर के पूजा स्थल में रखना चाहिए।
- जातक को सदैव अपने पास हरे रंग का कपड़ा रखना चाहिए।
घातक कालसर्प दोष के जातक इन चीजों से सावधानिया बरते–
घातक कालसर्प दोष के पीड़ित को नीचे दी गई चीजों से सावधानिया बरतनी चाहिए, जिससे की इस दोष के दुष्प्रभाव न बढ़ सके-
- जातक को किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थ से दूरी बनाए रखना चाहिए।
- जातक को किसी भी परिस्थिति मे अपना धीरज नही खोना चाहिए।
- जातक अपने मन में नौकरी या व्यवसाय के लिए अस्थिरता न रखे।
घातक कालसर्प दोष का निवारण–
घातक कालसर्प दोष निवारण के दुष्प्रभाव को कम करने के वैसे तो बहुत उपाय है पर, किन्तु इस दोष को पूर्ण रूप से समाप्त करने का केवल एक ही उपाय है, की किसी शिव मंदिर मे जाकर घातक कालसर्प निवारण दोष पूजा करवानी चाहिए। जातक जितना अधिक समय नष्ट करेगा उतना ही उसके लिए हानिकारक होगा।
जातक को उसकी कुंडली मे घातक काल सर्प दोष का पता चलने के बाद समय को बर्बाद नही करना चाहिए। जातक को इस दोष से पूर्णतः मुक्ति के लिए तुरंत ही शिव मंदिर मे जाकर घातक कालसर्प दोष पूजा करानी चाहिए, जितनी जल्द जातक यह पूजा करवाएगा उतनी ही जल्दी उसको इस दोष से मुक्ति मिल जाएगी।
घातक कालसर्प दोष पूजा कहाँ होती है?
मध्यप्रदेश मे खास तौर पर घातक कालसर्प दोष निवारण पूजा उज्जैन मे की जाती है, उज्जैन मे इस पूजा को कराने के बाद जातक को घातक कालसर्प दोष से जल्दी से जल्दी छुटकारा मिल जाता है।
घातक कालसर्प दोष पूजा कैसे कराये?
अगर आप उज्जैन मे घातक कालसर्प दोष निवारण पूजा करवाना चाहते है, तो कांता गुरु जी से संपर्क कर सकते है, और घातक कालसर्प दोष और इसके निवारण के बारे मे काफी अच्छे तरीके से जान सकते है।
पंडित जी वैदिक अनुष्ठानों में आचार्य की उपाधि से विभूषित है एवं सभी प्रकार के दोष एवं बाधाओ के निवारण के कार्यो को करते हुए १५ वर्षो से भी ज्यादा समय हो गया है।
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