पद्म कालसर्प दोष काल सर्प दोष का एक प्रकार है, इस लेख के द्वारा हम आपको पद्म कालसर्प दोष के बारे मे सम्पूर्ण जानकारी देंगे और बतायेंगे की पद्म कालसर्प दोष क्या है? इसके निवारण के उपाय क्या-क्या है? और इसके लक्षण क्या है? उससे पहले हम जान लेते है की काल सर्प दोष क्या होता है?
कालसर्प दोष क्या होता है?
अगर किसी जातक की कुंडली मै सारे ग्रह राहू और केतू के बीच मे उपस्थित हो और दूसरी तरफ कोई गृह न रहे तब जातक की कुंडली मे कालसर्प दोष योग बनता है, कालसर्प दोष ऐसा योग है जो किसी व्यक्ति द्वारा पूर्व जन्म मे किए गए अपराध या घोर श्राप फलस्वरूप उस व्यक्ति की कुंडली मे परिलक्षित होता है।
पद्म कालसर्प दोष क्या होता है?
जब जातक की कुंडली में राहु और केतु के बीच सारे ग्रह एक ही रेखा में आ जाते है और जातक की कुंडली मे राहू पंचम घर और केतू ग्यारहवे स्थान मे उपस्थित हो बाकी सारे ग्रह इनके बीच मे होते है, तब पद्म कालसर्प दोष योग जातक की कुंडली मे बनता है।
पद्म कालसर्प दोष के लक्षण
किसी जातक कुंडली मे पद्म कालसर्प दोष योग चल रहा है, तो वह अपने दैनिक जीवन मे काफी समस्याओ का सामना करता है और सदैव ही परेशानियों से गुजरता रहता है। पद्म कालसर्प दोष के मुख्य लक्षण निम्नानुसार है-
- किसी जातक की कुंडली मे पद्म कालसर्प योग पाया जाता है, तो उसे उच्च शिक्षा में कई समस्याओ का सामना करना पड़ता है
- इस दोष मे जातको का पढ़ाई मे मन नहीं लगता और कुछ याद भी नहीं रहता है।
- वैवाहिक जीवन तनाव पूर्ण रहता है। सदैव लड़ाई एवं झगड़े ही होते रहते है।
- संतान सुख प्राप्ति मे देरी हो सकती है।
- जातक के स्वास्थ्य मे अक्सर उतार चढ़ाव होते रहते है।
पद्म कालसर्प दोष के उपाय
पद्म कालसर्प योग के अशुभ प्रभाव को कम करने के वैसे तो बहुत सारे उपाय है, लेकिन जरूरी नहीं आप अपने दैनिक जीवन मे उन यह उपायो को कर सके, इसलिए कुछ सरल और साधारण उपाय है, जिन्हे अपने जीवन मे अपनाकर इस दोष के अशुभ प्रभाव को कम कर सकते है।
- पद्म कालसर्प दोष के जातक को अपने घर मे पूजा स्थल पर एक मोर पंख हमेशा रखना चाहिए।
- जातक को चाँदी से बने नाग नागिन को ग्रह प्रवास द्वार पर विराजित करना चाहिए।
- जातक मंगलवार को अपने दाए हाथ की मध्य उंगली मे सवा सात रति का त्रिकोण मूंगा रत्न धारण करे।
- श्रावण के महीने मे प्रतिदिन स्नानोंपरांत 11 माला ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करना चाहिए। जाप करने के पश्चात भगवान शिव को गंगाजल, बेलपत्र तथा गाय का दूध चढ़ाये।
- रात मे घी का दीपक जलाकर पीपल की जड़ मे रखे।
- नागपंचमी के दिन व्रत रखना चाहिए।
- हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करना चाहिए।
पद्म कालसर्प दोष के जातक इन चीजों से सावधानिया रखे-
पद्म कालसर्प दोष के जातको को इन चीजों से सावधानी बरतनी चाहिए, ऐसा नहीं करने पर पद्म कालसर्प दोष का दुष्प्रभाव बढ़ जाता है-
- पद्म कालसर्प दोष के जातक को बीड़ी,सिगरेट और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
- पुरानी चीजों को धारण नहीं करना चाहिए।
- इन जातको के लिए प्रेम विवाह हानिकारक हो सकता है। परिवार एवं परिजनो के कहने पर ही शादी करनी चाहिए।
पद्म कालसर्प दोष का निवारण-
पद्म कालसर्प दोष निवारण से मुक्ति पाने के लिए लाभकारी उपाय यही है की आप जितना जल्दी हो सके आप कालसर्प दोष निवारण पूजा कराये, कालसर्प दोष पूजा के लिए भगवान शिव जी का मंदिर सबसे उचित स्थान होता है। इस पूजा को पूर्ण करके आप भगवान शिव जी को प्रसन्न कर सकते है और अपनी कुंडली से कालसर्प दोष को पूर्ण रूप से समाप्त कर सकते है।
पद्म कालसर्प दोष पूजा कहाँ होती है?
ज्योतिषी के अनुसार पद्म कालसर्प दोष निवारण पूजा मध्य प्रदेश मे स्थित उज्जैन एवं महाराष्ट्र मे स्थित नासिक मे की जाती है। यहाँ पर पूजा कराने से पद्म कालसर्प दोष के दुष्प्रभाव से जल्द ही मुक्ति मिल जाती है।
पद्म कालसर्प दोष पूजा कैसे कराये?
अगर आप उज्जैन मे पद्म कालसर्प दोष पूजा करवाना चाहते है, तो कांता गुरु जी से संपर्क कर सकते है, और पद्म कालसर्प दोष और इसके निवारण एवं पूजा के बारे मे सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते है।
पंडित जी वैदिक अनुष्ठानों में आचार्य की उपाधि से विभूषित है, एवं सभी प्रकार के दोष एवं बाधाओ के निवारण के कार्यो को करते हुए १५ वर्षो से भी ज्यादा समय हो गया है।
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