रुद्राभिषेक पूजन क्या है?
रुद्राभिषेक पूजा भगवान शिव जी को प्रसन्न करने के लिए की जाती है, रुद्राभिषेक का मतलब है रूद्र का अभिषेक यानि की भगवान शिव जिन्हें की रूद्र के नाम से जाना जाता है, उनका शुद्ध जल, दूध, दही, गन्ने के रस, अनार के रस आदि से स्नान कराना। भगवान शिव को रुद्राभिषेक अति प्रिय होता है और जो भी भक्त पूरी श्रद्धा और विधि विधान से रुद्राभिषेक पूजा करते है भगवान शिव उनको अपना आशीर्वाद प्रदान करते है और उनकी समस्त मनोकामनाएं पूरी करते है |
रुद्राभिषेक पूजन मंत्र
रुद्रा: पञ्चविधाः प्रोक्ता देशिकैरुत्तरोतरं । सांगस्तवाद्यो रूपकाख्य: सशीर्षो रूद्र उच्च्यते ।।
एकादशगुणैस्तद्वद् रुद्रौ संज्ञो द्वितीयकः। एकदशभिरेता भिस्तृतीयो लघु रुद्रकः।।
विभिन्न सामग्री द्वारा रुद्राभिषेक करने पर निम्न फल की प्राप्ति होती है-
- घर की सभी तरह की बाधाओं को दूर करने के लिए सरसों के तेल से रुद्राभिषेक करें।
- यदि आप कोई नया कार्य शुरू कर रहे है तो शुद्ध जल में चने की दाल मिलाकर रुद्राभिषेक करें।
- इच्छित मनोकामना पूर्ण हो इसके लिए दूध के द्वारा रुद्राभिषेक मंत्र का पाठ करें।
- धनप्राप्ति और सभी तरह के कर्जो से मुक्ति पाने के लिए फलों के रस से रुद्राभिषेक करे।
- काले तिल के द्वारा रुद्राभिषेक करने से बुरी नजर व तंत्र से बचाव होता है।
- शुद्ध जल में घी व शहद मिलाकर रुद्राभिषेक करने से रोग दोष दूर होते है और स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है।
- संतान प्राप्ति के लिए शहद से रुद्रभिषेक करना चाहिए।
रुद्राभिषेक पूजन सामग्री लिस्ट
रुद्राभिषेक पूजा मे उपयोग होने वाली मुख्य सामग्री इस प्रकार है
- शहद
- गुलाब जल
- कपूर
- श्रृंगी
- बिलपत्र
- मेवा
- मिठाई
- दीपक, बत्ती
- अगरबत्ती, धुप
- मौली
- भांग, धतूरा
- पान, सुपारी
- नारियल
- गन्ने का रस
- अनार का रस
- दूध
- दही
- शहद
- गाय का घी
- शुद्ध जल
रुद्राभिषेक पूजा की विधि
- यदि रुद्राभिषेक पूजा मंदिर में कर रहे है तो आपको जहाँ शिवलिंग है वही पर पूजा करनी है। यदि आप घर में रुद्राभिषेक करना चाह रहे, तो फिर आपको उत्तर दिशा में शिवलिंग की स्थापना करनी चाहिए और पूर्वाभिमुख होकर पूजा करनी चाहिए।
- शिवलिंग के साथ ही गणेश जी, अन्य देवता एवं नवग्रह के पूजन के लिए भी पूर्व की दिशा में एक चौकी पर सभी को स्थान देना चाहिए।
- रुद्राभिषेक के दिन सभी परिवारजन को स्नान ध्यान कर पूजा के लिए सही समय पर पहुंचना चाहिए।
- घर को आशा पाला के पत्तों एवं फूलमालाओं से सुसज्जित करना चाहिए।
- रुद्राभिषेक शुरू होने से पहले ही पूजन सामग्री एवं अन्य तरह की तैयारी कर लेनी चाहिए।
- रुद्राभिषेक पूजन में बहुत से मंत्रो का उच्चारण होता है इसलिए इसके लिए अनुभवी पंडित द्वारा यह पूजा करवानी चाहिए।
- रुद्राभिषेक पूजा में शिवलिंग पर जलाभिषेक शुरू करने से पहले भगवान गणेश जी का पूजन करें।
- भगवान गणेश को तिलक, चावल, फूल, नैवेद्य, दूर्वा और दक्षिणा अर्पित करें |
- अन्य आह्वान किये गए देवताओं और नवग्रह की पूजा करें |
- अब भगवान शंकर की पूजा करें, उन्हें तिलक आदि लगाएं |
- बिल्वपत्र पर चन्दन से ॐ बनाकर भगवान शिव को अर्पित करें |
- अब सभी परिवारजन खड़े होकर आरती करें |
रुद्राभिषेक पूजा के फायदे-
रुद्राभिषेक पूजा से होने वाले फायदे कुछ इस प्रकार है-
- भगवान रूद्र में सभी देवताओं का वास होता है, इसलिए जब हम रुद्राभिषेक करते है, तो सभी देवता प्रसन्न होते है।
- किसी व्यक्ति की कुंडली मे कालसर्प दोष हो, तो उसे रुद्राभिषेक करना चाहिए इससे कालसर्प दोष का प्रभाव दूर होता है।
- रुद्राभिषेक पूजा से घर से नकारात्मकता दूर होती है और घर में सकारात्मक वातावरण बनता है।
- रुद्राभिषेक करने से इस जन्म के साथ पिछले जन्म के भी पातक पाप नष्ट हो जाते है और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
रुद्राभिषेक पूजा कैसे कराये?
अगर आप भी उज्जैन मे रुद्राभिषेक पूजा करवाना चाहते है, तो कांता गुरु जी से संपर्क कर सकते है, और रुद्राभिषेक पूजा के बारे मे विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते है।
पंडित जी वैदिक अनुष्ठानों में आचार्य की उपाधि से विभूषित है, एवं सभी प्रकार के दोष एवं बाधाओ के निवारण के कार्यो को करते हुए १५ वर्षो से भी ज्यादा समय हो गया है।
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