वासुकि कालसर्प दोष, कालसर्प दोष का एक प्रकार है। वासुकि कालसर्प दोष से संबन्धित सम्पूर्ण जानकारी आज हम इस लेख मे देने वाले है। जैसे की वासुकि कालसर्प दोष क्या है? वासुकि कालसर्प दोष के लक्षण क्या है? वासुकि कालसर्प दोष के उपाय क्या है?
कालसर्प दोष क्या होता है?
वासुकि कालसर्प दोष को जानने से पहले हम यह जान लेते है, की कालसर्प दोष क्या है। पूर्वजन्म के किसी जघन्य अपराध के दंडस्वरूप या किसी के द्वारा दिये गए श्राप के कारण जातक की जन्मकुंडली मे कालसर्प दोष परिलक्षित होता है।
वासुकि कालसर्प दोष क्या है?
वासुकि कालसर्प दोष तब होता है, जब जातक की कुंडली मे राहू तीसरे घर मे विराजमान हो और केतू नवे घर मे उपस्थित और बाकी सारे ग्रह इनके बीच मे हो।
वासुकि कालसर्प दोष के लक्षण
वासुकि कालसर्प दोष के काफी बुरे असर जातक के जीवन मे सीधा प्रभाव कर सकते है, इस दोष के कारण जातक को अपने ही परिवार के सदस्यो के द्वारा कई प्रकार की समस्याओ का सामना करना पड़ता है। इस दोष मे जातक अपने माता पिता एवं परिवार के सभी सदस्यो का खर्च उठाता है, और उनके भरण पोषण का दायित्व ले सकता है। इसी के कारण जातक का बहुत सारा धन परिवार को संवारने मे लग जाता है।
वासुकि कालसर्प दोष के दुष्प्रभाव कई होते है, इनमे से मुख्य इस प्रकार है-
- इस योग के कारण घर मे शांत माहौल नहीं रह पाता है।
- परिवार मे सदैव कलह का वातावरण बना रहता है, जिसके कारण भाई बहनों मे झगड़े होते रहते है।
- वासुकि कालसर्प दोष से पीड़ित जातक को अपने ही दोस्तो एवं रिश्तेदारों से धोखा मिलता है।
- कठिन परिश्रम के बाद भी जातक को किसी भी कार्य मे सफलता नहीं मिल पाती है।
- जातक को आर्थिक समस्याओ का सामना करना पड़ता है।
वासुकि कालसर्प दोष के उपाय
जिन जातको की कुंडली मे वासुकि कालसर्प दोष होता है, उन्हे निम्न उपायो का पालन करने की सलाह दी जाती है।
- जातक को नाग स्त्रोत का पाठ पूरे एक वर्ष तक करना चाहिए।
- सोने के आभूषण धारण करने से वासुकि कालसर्प दोष का प्रभाव कम होता है।
- प्रत्येक मंगलवार सुंदरकाण्ड का पाठ करने से वासुकि कालसर्प दोष से मुक्ति मिल जाती है।
- नागपंचमी के दिन व्रत रखे एवं नाग देवता की पूजा अर्चना करे।
- शनिवार को राहू यंत्र जो की चांदी से बना हुआ हो उसे धारण करना चाहिए।
वासुकि कालसर्प दोष के जातक को निम्न सावधानिया रखनी चाहिए-
जिन जातको की कुंडली मे वासुकि कालसर्प दोष होता हे उन्हे निम्न सावधानिया रखनी चाहिए।
- किसी भी प्रकार के व्यसन जैसे बीड़ी, सिगरेट एवं मदिरा के सेवन से दूर रहना चाहिए।
- पुरानी वस्तुओ एवं ज्यादा पुराने कपड़ो को धारण नहीं करना चाहिए।
- अगर आप निवेश करे तो दूसरों की सलाह नहीं माननी चाहिए।
- किसी भी पक्षी को पिंजरे मे कैद नहीं करना चाहिए।
- अपने से बड़ो के साथ दुर्व्यवहार नहीं करना चाहिए।
वासुकि कालसर्प दोष का निवारण
वासुकि कालसर्प दोष मे जातक को भगवान शिव की वंदना करनी चाहिए। लेकिन इस विशेष दोष के लिए आप किसी जानकार पंडित जी से वासुकि कालसर्प दोष पूजा निवारण अवश्य कराये। कालसर्प दोष निवारण पूजा से इस दोष का बुरा एवं अशुभ प्रभाव कम होता है और जातक के जीवन मे सकारात्मक बदलाव आ जाते है।
वासुकि कालसर्प दोष पूजा कहाँ होती है?
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार मध्य प्रदेश मे स्थित उज्जैन एवं महाराष्ट्र मे स्थित नासिक मे वासुकि कालसर्प दोष निवारण की पूजा की जाती है, क्यूकि यहाँ पूजा करने से वासुकि कालसर्प दोष जल्द ही समाप्त हो जाता है। यह पूजा कराने के बाद जातक अपने जीवन मे सफलता की नई ऊचाइयों को छू सकता है।
वासुकि कालसर्प दोष निवारण पूजा कैसे कराये?
अगर आप उज्जैन मे वासुकि कालसर्प दोष निवारण पूजा कराना चाहते है, तो आचार्य श्री पंडित कांता गुरु जी से संपर्क कर सकते है। गुरुजी 15 वर्षो से अधिक समय से पूरी उज्जैन नगरी में वासुकि कालसर्प दोष पूजा के सर्वश्रेष्ठ विद्वानोँ की श्रेणी में अग्रणी है।
वासुकि कालसर्प दोष पूजा करवाने के लिए नीचे दी गयी बटन पर क्लिक करके अभी पंडित जी से बात करे।