शंखपाल कालसर्प दोष काल सर्प दोष के बारह प्रकारो मे से एक है। इस लेख मे हम जानेंगे की शंखपाल कालसर्प दोष क्या है? इसके उपाय क्या है? और हम इस दोष के निवारण के लिए क्या-क्या कर सकते है? लेकिन उससे पहले हम यह जान लेते है, की काल सर्प दोष क्या है?
काल सर्प दोष क्या है?
जब जातक की कुंडली मे सारे ग्रह राहू ओर केतू के बीच मे होते तब जातक की कुंडली मे काल सर्प दोष योग बनता है, काल सर्प दोष एक ऐसा योग है, जो कि मनुष्य के पूर्वजन्म मे किए गए किसी घोर अपराध या किसी श्राप के फल स्वरूप जातक कि कुंडली मे परिलक्षित होता है।
शंखपाल कालसर्प दोष क्या है?
जब जातक कि कुंडली मे राहू चतुर्थ घर मे उपस्थित हो, और केतू दशम घर मे हो, तब जातक कि कुंडली मे शंखपाल कालसर्प दोष बनता है।
शंखपाल कालसर्प दोष यह दोष जातक कि कुंडली मे होने पर जातक का जीवन अत्यंत दुखदायी बना देता है। इस दोष के चलते हुए जातक के जीवन मे उतार – चढ़ाव होते रहते है। जातक कष्ट भरा जीवन जीते है, यह जातक रक्तचाप (बीपी) से पीड़ित होने के साथ-साथ सदैव चिंतित भी रहते है, इस दोष मे जातक का जीवन परेशानियों से भरा होता है।
शंखपाल कालसर्प दोष के लक्षण क्या है?
शंखपाल कालसर्प दोष के मुख्य लक्षण कुछ इस प्रकार है-
- इस दोष के जातक के पास सदैव धन की कमी रहती है।
- जिन जातको के पास अपने पूर्वजो का धन रहता है, वह उसे संभाल के नहीं रख पाते है।
- जातक ज्यादा अहंकारी हो जाते है।
- जातक निजी व व्यवसायिक जीवन मे परेशनियां झेलते है।
- जातको को आर्थिक मामलों में अनिश्चितता बनी रहती है, और निरंतरता की भारी कमी होती है|
- इनके विवाहित जीवन मे तलाक कि स्थिति बन सकती है। वैवाहिक जीवन सदैव तनावपूर्ण बना रहता है।
- इन्हे कानूनी झंझटो मे भी पड़ना पड़ सकता है।
शंखपाल कालसर्प दोष के उपाय क्या है?
शंखपाल कालसर्प दोष के मुख्य उपाय इस प्रकार है, जिन्हे आप जीवन मे अपनाकर इस दोष के अशुभ प्रभाव को कम कर सकते है-
- महामृत्युंजय मंत्र का नित्य पाठ करना चाहिए।
- श्रावण महीने के हर सोमवार को व्रत रखे और भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना चाहिए।
- चांदी या अष्टधातुक के नाग बनाकर उसकी अंगूठी हाथ की मध्यमा उंगली में धारण करें।
- किसी शुभ मुहुर्त में अपने घर के मुख्य दरवाजे पर चांदी का स्वास्तिक एवं दोनों ओर धातु से निर्मित नाग चिपका दें।
- ब्राह्मणो को भोजन करवाकर दान दे।
- शनिवार का व्रत रखें, श्री शनिदेव का तैलाभिषेक व पूजन करें। ऐसा करना जातक के लिए लाभकारी होता है।
- मंगलवार एवं शनिवार को हनुमान जी के मंदिर मे जाकर गुड एवं चने का भोग लगाना चाहिए।
- पक्षियो को दाना डालना चाहिए।
- भगवान शिव को चाँदी से बने सर्प अर्पित करना चाहिए।
शंखपाल कालसर्प दोष के जातक को इन चीजों से सावधानी रखनी चाहिए
शंखपाल काल सर्प दोष के जातको को इन बातो का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए, और इन चीजों का पालन करना चाहिए।
- इस दोष के जातको को बीड़ी, सिगरेट व मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
- शंखपाल काल सर्प दोष के जातक को पुरानी चीजें धारण नहीं करना चाहिए।
- काले एवं नीले रंग के कपड़े धारण नहीं करना चाहिए।
शंखपाल काल सर्प दोष का निवारण
शंखपाल कालसर्प दोष के निवारण का सबसे आसान एवं लाभकारी उपाय यही है, की किसी शिव जी के मंदिर मे जाकर शंखपाल कालसर्प दोष निवारण पूजा करनी चाहिए। यह पूजा कराने के पश्चात ही आप इस दोष से मुक्ति पा सकते है।
शंखपाल कालसर्प दोष निवारण पूजा कहाँ होती है?
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार कालसर्प दोष निवारण पूजा के लिए मध्य प्रदेश मे स्थित उज्जैन और महाराष्ट्र मे स्थित नासिक सर्वश्रेष्ठ स्थान है। यहाँ पर पूजा करा कर आप शंखपाल कालसर्प दोष के दुष्प्रभावो से जल्द ही मुक्ति पा सकते है।
शंखपाल कालसर्प दोष निवारण पूजा कैसे कराये?
अगर आप भी उज्जैन मे कालसर्प दोष निवारण पूजा करवाना चाहते है, तो कांता गुरु जी से संपर्क कर सकते है। और शंखपाल कालसर्प दोष और इसके निवारण के बारे मे विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते है।
पंडित जी वैदिक अनुष्ठानों में आचार्य की उपाधि से विभूषित है, एवं सभी प्रकार के दोष एवं बाधाओ के निवारण के कार्यो को करते हुए १५ वर्षो से भी ज्यादा समय हो गया है।
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