महामृत्युंजय जाप पूजा उज्जैन

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ||

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Maha Mrityunjay Jaap in Ujjain Maha Mrityunjay Jaap in Ujjain

Mahamrityunjay Jaap Puja in Ujjain

महामृत्युंजय जाप पूजा

महामृत्युंजय जाप पूजा उज्जैन: भारत के मध्यभूमि में, जहां गंगा नदी सुंदरता से बहती है और आध्यात्मिकता आसमान में गूंथी है, उज्जैन एक पवित्र स्थल के रूप में खड़ा है, जहां दिव्य आशीर्वाद के खोजने वालों के लिए महामृत्युंजय जाप पूजा का खास स्थान है, जिसे पंडित जी के मार्गदर्शन में किया जाता है। आइए, इस गहरे रिति की महत्वपूर्णता और इसे क्यों कई लोगों के आध्यात्मिक यात्रा में महत्वपूर्ण स्थान होल्ड करता है, इस पर गौर करते हैं।

महामृत्युंजय जाप क्या है?

महामृत्युंजय जाप एक वैदिक मंत्र है जो भगवान शिव के मृत्युंजय रूप को समर्पित है। यह मंत्र ऋग्वेद के रुद्र सूक्त में पाया जाता है। महामृत्युंजय जाप का अर्थ है “मृत्यु को जीतने वाला”। यह मंत्र मृत्यु, बीमारी, और अन्य कठिनाइयों से मुक्ति पाने के लिए किया जाता है। महामृत्युंजय जाप एक पवित्र हिन्दू धार्मिक रिटुअल है, जिसमें महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाता है, जो भगवान शिव को समर्पित है, जो विनाश और पुनर्जीवन का प्रतीक होते हैं। यह मंत्र खुद ऋग्वेद से एक शक्तिशाली आवाहन है, जो मृत्यु और आपकी आत्मा की मुक्ति की ओर एक प्रचंड कदम बढ़ाने में मदद कर सकता है।

महामृत्युंजय जाप क्यों करें?

महामृत्युंजय जाप के कई लाभ हैं। यह मंत्र निम्नलिखित लाभ प्रदान करता है:

  1. मनोबल को मजबूत करना: महामृत्युंजय जाप पूजा आपके मानसिक शक्ति को बढ़ाने में मदद कर सकती है। यह दिव्य उपासना मानसिक स्थिरता और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है, जिससे आप जीवन की चुनौतियों का सामना करने में सहायक हो सकते हैं।
  2. रोग और दुख से मुक्ति: महामृत्युंजय जाप पूजा मौके पर बीमारियों और दुखों से मुक्ति पाने की दिशा में मदद कर सकती है। यह मंत्र रोगों को ठीक करने और आत्मिक शांति को प्राप्त करने में सहायक हो सकता है।
  3. सत्यिक और आध्यात्मिक विकास: यह पूजा आपके आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देती है, जो आपको सत्य की ओर और आत्मा के साथ एक मानसिक और आध्यात्मिक संबंध बनाने में मदद कर सकता है।
  4. प्रेम और सहयोग: महामृत्युंजय जाप पूजा पारिवारिक और सामाजिक सहयोग को बढ़ावा देती है, और आपके जीवन में प्यार और समर्थन की वृद्धि कर सकती है।

इस प्रकार, महामृत्युंजय जाप पूजा उज्जैन में पंडित जी के साथ एक प्रमुख आध्यात्मिक अनुभव है, जो आपके जीवन को सकारात्मक रूप से परिवर्तित कर सकता है। यह एक उद्घाटना है जो दिव्यता, साधना, और साधक की अंतरात्मा के साथ जुड़ने का अवसर प्रदान करता है, जिससे उनकी आध्यात्मिक यात्रा में सहयोग मिलता है।

  • मृत्यु, बीमारी, और अन्य कठिनाइयों से मुक्ति
  • शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार
  • आध्यात्मिक विकास में सहायता
  • जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह

 

उज्जैन में पंडित जी द्वारा महामृत्युंजय जाप पूजा

उज्जैन को ज्योतिष का केंद्र माना जाता है। यहां पर कई मंदिर और तीर्थ स्थल हैं जो महामृत्युंजय जाप के लिए प्रसिद्ध हैं। पंडित जी उज्जैन के एक अनुभवी ज्योतिषी और पुजारी हैं। वे महामृत्युंजय जाप पूजा के विशेषज्ञ हैं।

पंडित जी द्वारा महामृत्युंजय जाप पूजा निम्नलिखित लाभ प्रदान करती है:

  • मंत्र का सही उच्चारण और विधिवत पूजा
  • व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुसार पूजा
  • पूर्ण शांति और समृद्धता के लिए मंत्र का जाप

 

महामृत्युंजय जाप पूजा का तरीका

महामृत्युंजय जाप पूजा एक दिन में 108 बार या 1008 बार की जा सकती है। पूजा निम्नलिखित चरणों में की जाती है:

  1. पूजा स्थल को शुद्ध करें और भगवान शिव की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
  2. एक दीपक जलाएं और धूप जलाएं।
  3. भगवान शिव को फूल, फल, और मिठाई अर्पित करें।
  4. महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
  5. पूजा के अंत में, भगवान शिव का धन्यवाद दें।

 

महामृत्युंजय जाप पूजा की लागत

महामृत्युंजय जाप पूजा की लागत पूजा की अवधि और व्यक्तिगत आवश्यकताओं के आधार पर अलग-अलग होती है। महामृत्युंजय जाप पूजा की लागत जानने के लिए आप पंडित देवेन्द्र गुरु से सम्पर्क करें।

यदि आप महामृत्युंजय जाप पूजा से लाभान्वित होना चाहते हैं, तो आप पंडित जी से संपर्क कर सकते हैं। पंडित जी आपको आपकी व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुसार एक उपयुक्त पूजा की योजना बनाने में मदद करेंगे।

महामृत्युंजय जाप के अलावा पंडित जी कालसर्प दोष पूजा, मंगल दोष शांति, ग्रहण दोष शांति तथा वास्तु पूजन, वास्तु दोष निवारण एवं व्यापार, व्यवसाय बाधा निवारण का पूजन भी सम्पूर्ण विधि विधान से करते हैं।

पूजन दोष निवारण एवं मांगलिक कार्यो की चित्रमाला

Maha Mrityunjay Jaap in Ujjain

सूर्य ग्रहण दोष शांति

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चंद्र ग्रहण दोष शांति

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मंगल दोष शांति

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बुध चांडाल दोष शांति

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गुरु चांडाल दोष शांति

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शुक्र चांडाल दोष शांति

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शनि चांडाल दोष शांति

राहु केतु शांति

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महामृत्युंजय पूजन अनुष्ठान

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आचार्य पंडित जी जो को समस्त प्रकार के अनुष्ठानो का प्रयोगत्मक ज्ञान एवं सम्पूर्ण विधि विधान की जानकारी गुरुजनों द्वारा प्राप्त हुयी है, पंडित जी संगीतमय श्रीमद भागवत कथा गायन वाचन भी करते हैं |
पडित जी वैदिक अनुष्ठानों में आचार्य की उपाधि से विभूषित है निवारण के कार्यो को करते हुए १0 वर्षो से भी ज्यादा हो गया है।

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ज्योतिषाचार्य पंडित जी के द्वारा की गई पूजन दोष निवारण एवं मांगलिक कार्यो की चित्रमाला
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आचार्य पंडित जी के द्वारा की गई पूजन दोष निवारण एवं मांगलिक कार्यो की चित्रमाला

आपके द्वारा पूछे गए कुछ प्रश्न

महामृत्युंजय मंत्र वेदों में सबसे प्राचीन वेद ऋग्वेद का एक श्लोक है जो की भगवान शिव के मृत्युंजय स्वरुप को समर्पित है, यह मन्त्र तीन स्वरूपों में है, (1) लघु मृत्युंजय मंत्र (2) महा मृत्युंजय मंत्र एवं (3) संपुटयुक्त महा मृत्युंजय मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र जप सुबह १२ बजे से पहले होना चाहिए,क्योंकि ऐसी प्राचीन मान्यता है की दोपहर १२ बजे के बाद महामृत्युंजय मंत्र के जप का उतना फल नहीं प्राप्त होता है जितना की करने वाले को प्राप्त होना चाहिए।


महा मृत्युंजय मंत्र के प्रत्येक अक्षर का अर्थ
!!ॐ त्र्यम्बक यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धन्म। उर्वारुकमिव बन्धनामृत्येर्मुक्षीय मामृतात् !!
त्रयंबकम = त्रि-नेत्रों वाला यजामहे = हम पूजते हैं, सम्मान करते हैं, हमारे श्रद्देय सुगंधिम= मीठी महक वाला, सुगंधित पुष्टि = एक सुपोषित स्थिति,फलने-फूलने वाली, समृद्ध जीवन की परिपूर्णता वर्धनम = वह जो पोषण करता है, शक्ति देता है,स्वास्थ्य, धन, सुख में वृद्धिकारक; जो हर्षित करता है, आनन्दित करता है, और स्वास्थ्य प्रदान करता है, एक अच्छा माली उर्वारुकम= ककड़ी इव= जैसे, इस तरह बंधना= तना मृत्युर = मृत्यु से मुक्षिया = हमें स्वतंत्र करें, मुक्ति दें मा= न अमृतात= अमरता, मोक्ष

महा मृत्युंजय मंत्र का अर्थ
समस्त संसार के पालनहार, तीन नेत्र वाले शिव की हम अराधना करते हैं। विश्व में सुरभि फैलाने वाले भगवान शिव मृत्यु न कि मोक्ष से हमें मुक्ति दिलाएं।|| इस मंत्र का विस्तृत रूप से अर्थ ||हम भगवान शंकर की पूजा करते हैं, जिनके तीन नेत्र हैं, जो प्रत्येक श्वास में जीवन शक्ति का संचार करते हैं, जो सम्पूर्ण जगत का पालन-पोषण अपनी शक्ति से कर रहे हैं,उनसे हमारी प्रार्थना है कि वे हमें मृत्यु के बंधनों से मुक्त कर दें, जिससे मोक्ष की प्राप्ति हो जाए.जिस प्रकार एक ककड़ी अपनी बेल में पक जाने के उपरांत उस बेल-रूपी संसार के बंधन से मुक्त हो जाती है, उसी प्रकार हम भी इस संसार-रूपी बेल में पक जाने के उपरांत जन्म-मृत्यु के बन्धनों से सदा के लिए मुक्त हो जाएं, तथा आपके चरणों की अमृतधारा का पान करते हुए शरीर को त्यागकर आप ही में लीन हो जाएं.

महा मृत्युंजय मंत्र जप विधान
महा मृत्युंजय मंत्र का पुरश्चरण सवा लाख का है और लघु मृत्युंजय मंत्र का 11 लाख है. महा मृत्युंजय मंत्र का जप रुद्राक्ष की माला पर सोमवार से शुरू किया जाता है. महा मृत्युंजय मंत्र को अपने घर पर महामृत्युंजय यन्त्र या किसी भी शिवलिंग का पूजन कर शुरू किया जा सकता या फिर सुबह के समय किसी शिवमंदिर में जाकर शिवलिंग का पूजन करें और फिर घर आकर घी का दीपक जलाकर महा मृत्युंजय मंत्र का ११ माला जप कम से कम ९० दिन तक रोज करें या एक लाख पूरा होने तक जप करते रहें. अंत में हवन हो सके तो श्रेष्ठ अन्यथा २५ हजार जप और करें. इतना जप पूर्ण मनोयोग से शुद्ध उच्चरण के साथ निरंतर नहीं कर सकते इसलिए इस महामंत्र को आप विशुद्ध अंतःकरण वाले ब्राह्मण के द्वारा करवा कर समान पुण्य लाभ प्राप्त कर सकते है।

महामृत्युंजय मंत्र जप किसे करवाना चाहिए
जिन प्राणियों को ग्रहबाधा, ग्रहपीड़ा, रोग, जमीन-जायदाद का विवाद, हानि की सम्भावना या धन-हानि हो रही हो, वर-वधू के मेलापक दोष, घर में कलह, सजा का भय या सजा होने पर, कोई धार्मिक अपराध होने पर और अपने समस्त पापों के नाश के लिए महामृत्युंजय या लघु मृत्युंजय मंत्र का जाप किया या कराया जा सकता है.

महामृत्युंजय मंत्र का क्या लाभ है ?
महामृत्युंजय मंत्र शोक, मृत्यु भय, अनिश्चता, रोग, दोष का प्रभाव कम करने में, पापों का सर्वनाश करने की क्षमता रखता है.महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना या करवाना सबके लिए और सदैव मंगलकारी है,परन्तु ज्यादातर तो यही देखने में आता है कि परिवार में किसी को असाध्य रोग होने पर अथवा जब किसी बड़ी बीमारी से उसके बचने की सम्भावना बहुत कम होती है, तब लोग इस मंत्र का जप अनुष्ठान कराते हैं.

महामृत्युंजय मंत्र का जाप के प्रति गलत धारणा
बहुत से पंडित महामृत्युंजय मंत्र के बारे में सिर्फ ये बताते है की इसके जाप से रोगी स्वस्थ हो जायेगा, लेकिन वास्तव में ये अर्ध सत्य है, जिससे महामृत्युंजय मंत्र का जाप अनुष्ठान होने के बाद यदि रोगी जीवित नहीं बचता है तो लोग निराश होकर पछताने लगे हैं कि बेकार ही इतना खर्च किया. परन्तु वास्तव में इस मंत्र का मूल अर्थ ही यही है कि हे महादेव..या तो रोगी को ठीक कर दो या तो फिर उसे जीवन मरण के बंधनों से मुक्त कर दो. अत: रोगी के ठीक न होने पर भी पछताना या कोसना नहीं चाहिए, जगत के स्वामी बाबा भोलेनाथ और माता पार्वती आप सबकी मनोकामना पूर्ण करें.

दोष निवारणार्थ अनुष्ठान
मंगल दोष निवारण (भातपूजन), सम्पूर्ण कालसर्प दोष निवारण, नवग्रह शांति, पितृदोष शांति पूजन, वास्तु दोष शांति, द्विविवाह योग शांति, नक्षत्र/योग शांति, रोग निवारण शांति, समस्त विध्न शांति, विवाह संबंधी विघ्न शांति, नवग्रह शांति

कामना पूर्ति अनुष्ठान
भूमि प्राप्ति, धन प्राप्ति, शत्रु विजय प्राप्ति, एश्वर्य प्राप्ति, शुभ (मनचाहा) वर/वधु प्राप्ति, शीघ्र विवाह, सर्व मनोकामना पूर्ति, व्यापार वृध्दि, रक्षा कवच, अन्य सिद्ध अनुष्ठान एवं पूजन

पाठ, जाप एवं अन्य अनुष्ठान
दुर्गासप्तशती पाठ, श्री यन्त्र अनुष्ठान, नागवली/नारायण वली, कुम्भ/अर्क विवाह, गृह वास्तु पूजन, गृह प्रवेश पूजन, देव प्राण प्रतिष्ठा, रूद्रपाठ/रूद्राभिषेक, विवाह संस्कार